गुरुग्राम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने लगाई फोटो और स्टोरी टेलिंग पर आधारित प्रदर्शनी
जीयू के वाइस चांसलर प्रो. संजय कौशिक ने किया दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ
गुरुग्राम, 9 अक्तूबर
गुरुग्राम विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग द्वारा आयोजित “चौथा राष्ट्रीय मीडिया संवाद – 2025” का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। दो दिवसीय इस राष्ट्रीय आयोजन में देशभर से प्रख्यात पत्रकार, मीडिया शिक्षाविद और छात्र जुटे। संवाद का मुख्य विषय “ए.आई. के युग में भारतीय मीडिया का बदलता परिदृश्य” रखा गया है।
कुलपति प्रो. संजय कौशिक ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि एआई के युग में पत्रकारिता को मानव संवेदना और सत्यनिष्ठा के साथ संतुलित करना समय की मांग है। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए मीडिया अध्ययन विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सम्मेलन मीडिया अध्ययन से जुड़े विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा।
शुभारंभ सत्र को डॉ. संजय अरोड़ा, प्रो. नीरा वर्मा, डॉ. राकेश योगी, प्रो. मीनाक्षी श्योराण, प्रो. के. जी. सुरेश, सामाजिक चिंतक राजेश कुमार, अमर उजाला के राष्ट्रीय संपादक राज किशोर, नेटवर्क 18 के सीनियर एडिटर अमन चोपड़ा, ज़ी न्यूज़ के कंसल्टिंग एडिटर अनुराग मुस्कान तथा भू-राजनीतिक विशेषज्ञ सुनंदा आर. मराक ने भी संबोधित किया।
मीडिया अध्ययन विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश योगी ने स्वागत भाषण में कहा कि डिजिटल युग में मीडिया की नैतिकता, जिम्मेदारी और ए.आई. के प्रभाव पर गंभीर विमर्श आवश्यक है। यह आयोजन गुरुग्राम विश्वविद्यालय की मीडिया शिक्षा के प्रति शैक्षिक, नैतिक और व्यावसायिक उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
वरिष्ठ पत्रकारों और विशेषज्ञों ने पत्रकारिता की मौजूदा चुनौतियों, दर्शकों के बदलते दृष्टिकोण और विश्वसनीयता बनाए रखने के उपायों पर अपने विचार रखे।
संवाद का समापन वरिष्ठ पत्रकार किशोर मालवीय द्वारा संचालित खुली चर्चा से हुआ, जिसमें विद्यार्थियों और विशेषज्ञों के बीच विचारों का गहन आदान-प्रदान हुआ। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने मीडिया, फोटो जर्नलिज़्म और डिजिटल स्टोरी टेलिंग से जुड़ी एक प्रदर्शनी भी लगाई। खास बात यह रही कि इस प्रदर्शनी में छात्रों ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किए बिना सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की, जिसे मीडिया शिक्षा में अनुशासन और सृजनशीलता का अनोखा प्रयोग माना गया।
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